Thursday Dec 17, 2020

कर्मों का खेल a short story

कर्म मात्र में ही मनुष्य का अधिकार है कर्म अनुसार फल तो prakriti स्वयं ही जुटा देती है किंतु फल की प्राप्ति पुनः कर्म की प्रेरणा देती है। अतः एक प्राणी का कर्तव्य है कि वह प्रत्येक कर्म विचारपूर्वक और ज़िम्मेदारी के साथ करे । कर्म के रहस्य को समझकर हम सुखी रह सकते हैं अन्यथा पग पग पर हमें उलझन का सामना करना पड़ेगा ।।

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