Saturday Dec 26, 2020

बचपन की यादें २

बचपन वापिस तो नहीं लौटता ,पर जिया जा सकता है, उन यादों को फिर से एक बार संजोया जा सकता है, जोड़ा जा सकता, फिर से एक बार रिश्तों को जो पीछे छूटे से जान पड़ते हैं, पर कभी नहीं टूटे, दिल के जो क़रीब है ।।

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